नई दिल्ली, एएनआइ। देश के कई राज्यों में पटाखों पर रोक लगा दी गई है। देश में जहरीली होती हवा को ध्यान में रखते हुए देश की कई राज्य सरकारों ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बेशक पटाखों पर बैन से हवा को अधिक दूषित होने से बचाया जा सकता है, लेकिन अचानक लगाए गए प्रतिबंध से फायरवर्क उद्योगों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है। ऐसे ही विषय पर डीएमके नेता टीआर बालू ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया, ‘राजस्थान और अन्य राज्य सरकारों द्वारा पटाखों की बिक्री पर अचानक प्रतिबंध लगाना आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला है। आप श्रमिकों और फायरवर्क उद्योगों को क्षतिपूर्ति करने के लिए जल्द से जल्द निधि का अनुरोध करें।’
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने भी देश में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होता देख चिंता जताई है। साथ ही सख्त रवैया अख्तियार करते हुए 18 और प्रदेशों को नोटिस भेजा था। इसमें खराब वायु गुणवत्ता वाले राज्यों से अपने यहां पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने का सुझाव दिया गया था। एनजीटी के इस आदेश का कुछ राज्यों पर असर भी दिखा। फिलहाल मध्य प्रदेश, बंगाल और दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया गया है। हालांकि, पटाखों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर एनजीटी 9 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे फैसला सुनाने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट भी बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर चिंतित है। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर राज्य सरकार ने ग्रीन पटाखे चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 30 नवंबर तक लागू रहेगा। उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों ने फिलहाल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है।
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